परमेश्वर द्वारा पूसा का आह्वान,(God's Call of Pusa) - YISHU KA SANDESH

परमेश्वर द्वारा पूसा का आह्वान,(God's Call of Pusa)

परमेश्वर द्वारा पूसा का आह्वान:- 

                           1 मूसा अपने ससुर यित्रो नामक मिद्यान के याजक की भेड़-बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की पश्चिमी ओर होरेब नामक परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया । 2 और परमेश्वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उसने दृष्टि उठाकर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती । 3 तब मूसा ने कहा, “मैं उधर जाकर इस बड़े आश्चर्य को देखूँगा कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती ।" 4 जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, "हे मूसा, हे मूसा !" मूसा ने कहा, "क्या आज्ञा" 5 उसने कहा, "इधर पास मत आ; और अपने पाँवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है ।" 6 फिर उसने कहा, "मैं तेरे पिता का परमेश्वर, और अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूँ ।


तब मूसा ने जो परमेश्वर की ओर देखने से डरता था, अपना मुँह ढाँप लिया । 7 फिर यहोवा ने कहा, "मैंने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं, उनके दुःख को निश्वय देखा है; और उनको जो चिल्लाहट परिश्रम करानेवालों के कारण होती है उसको भी मैंने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने दिन लगाया है, 8 इसलिये अब मैं उत्तर आया हूँ कि उन्हें मिस्त्रियों के वश से छुड़ाऊँ, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में, जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, अर्थात् कनारी, हित्ती, एमोरी, परिब्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुॅचाऊँ । 9 इसलिये अब सुन इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्त्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है । 10 इसलिये आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूँ कि तू मेरी इस्त्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए । 11 परन्तु मूसा ने परमेश्वर से कहा, "मैं कौन हूँ जो फिरौन के पास जाऊँ, और इस्त्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आऊँ ?" - 12 उसने कहा, "निश्चय मैं तेरे संग रहूँगा; और इस बात का कि तेरा भेजनेवाला मैं हूँ, तेरे लिये यह चिह्न होगा कि जब तू उन लोगों को मिस्र से निकाल चुके, तब तुम इसी पहाड़ पर परमेश्वर की उपासना करोगे । 13 मूसा ने परमेश्वर से कहा, "जब मैं इस्राएलियों के पास जाकर उनसे कहूँ, तुम्हारे पितरों के परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है," तब यदि वे मुझ से पूछें, 'उसका क्या नाम है ? तब मैं उनको क्या बताऊँ ? 14 परमेश्वर ने से मूसा से कहा, "मैं जो हूँ सो हँ ।" फिर उसने कहा, "तू इस्राएलियों से यह कहना, जिसका नाम में ही है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा, है" 15 फिर परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा, "तू इस्राएलियों से यह कहना, 'तुम्हारे पितरों का परमेश्वर, अर्थात् अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर, यहोवा, उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है । देख, सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी  पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा । 16 इसलिये अब जाकर इस्राएली पुरनियों को इकट्ठा कर, और उनसे कह, 'तुम्हारे पितर अब्राहम, इसहाक, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने मुझे दर्शन देकर यह कहा है कि मैं ने तुम पर में और तुम से जो बर्ताव मिस्र में किया जाता है उस पर भी चित्त लगाया है; 17 और मैं ने ठान लिया है कि तुम को मिस्र के दुःखों में से निकालकर कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के देश में ले चलूँगा, जो ऐसा देश है कि जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं । 18 तब वे तेरी मानेंगे; और तू इस्राएली पुरनियों को संग लेकर मिस्र के राजा के पास जाकर उस से यों कहना, 'इब्रियों के परमेश्वर, हुई। यहोवा से हम लोगों की भेंट हुई है; इसलिये अब हम को तीन दिन के मार्ग पर जंगल में जाने दे कि अपने परमेश्वर यहोवा को बलिदान चढ़ाएँ ।' 19 मैं जानता हूँ कि मिस्र का राजा तुम को जाने न देगा, वरन् बड़े बल से दबाए जाने पर भी जाने न देगा । 20 इसलिये मैं हाथ बढ़ाकर उन सब आश्चर्यकर्मों से, जो मिस्र के बीच करूँगा, उस देश को मारूँगा; और उसके पश्चात् वह तुम को जाने देगा । 21 तब मैं मिस्रियों से अपनी इस प्रजा पर अनुग्रह करवाऊँगा; और जब तुम निकलोगे तब छूछे हाथ न निकलोगे ।  22 वरन् तुम्हारी एक एक स्त्री अपनी अपनी पड़ोसिन, और उनके घर में रहनेवाली से सोने चाँदी के गहने, और वस्त्र माँग लेगी, और तुम उन्हें अपने बेटों और बेटियों को पहिनाना; इस प्रकार तुम मिस्त्रियों को लूटोगे ।

    जय मसीह की । || कविता पोरिया    

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