मूसा और हारून को परमेश्वर का आदेश, हारून की लाठी (God's command to Moses and Aaron, Aaron's stick)
मूसा और हारून को परमेश्वर का आदेश:-
28 जब यहोवा ने मिस्र देश में मूसा से यह बात कही, 29 "मैं यहोवा हूँ; इसलिये जो कुछ मैं तुझ से कहूँगा वह सब मिस्र के राजा फ़िरौन से कहना ।” 30 परन्तु मूसा ने यहोवा को उत्तर दिया, "मैं तो बोलने में भद्दा हूँ; और फ़िरौन कैसे मेरी सुनेगा ?” तब यहोवा ने मूसा से कहा, ""सुन, मैं तुझे 7 फ़िरौन के लिये परमेश्वर सा ठहराता और तेरा भाई हारून तेरा नवी ठहरेगा 12 जो जो आज्ञा मैं तुझे दूँ वही तू कहना, और हारून उसे फिरौन से कहेगा, जिससे वह इस्राएलियों की अपने देश से निकल जाने दे । 3 परन्तु मैं फ़िरौन के मन को कठोर कर दूँगा, और अपने बहुत से चिह्न और चमत्कार मित्र देश में दिखलाऊँगा । 4 तौभी फ़िरौन तुम्हारी न सुनेगा; और मैं मिस्र देश पर अपना हाथ बढ़ाकर मिस्रियों को भारी दण्ड देकर अपनी सेना अर्थात् अपनी इस्राएली प्रजा को मिस्र देश से निकाल लूँगा । 5 और जब मैं मिस्र पर हाथ बढ़ाकर इस्राएलियों को उनके बीच से निकालूँगा, तब मिस्री जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ ।" 6 तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार ही किया । 7 जब मूसा और हारून फ़िरौन से बात करने लगे तब मूसा अस्सी वर्ष का, और हारून तिरासी वर्ष का था ।
हारून की लाठी:-
8 फिर यहोवा ने मूसा और हारून से इस प्रकार कहा, 9 "जब फ़िरौन तुम से कहे, 'अपने प्रमाण का कोई चमत्कार दिखाओ,' तब तू हारून से कहना, 'अपनी लाठी लेकर फ़िरौन के सामने डाल दे कि वह अजगर बन जाए ।" 10 तब मूसा और हारून ने फ़िरौन के पास जाकर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया; और जब हारून ने अपनी लाठी फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के सामने डाल दी, तब वह अजगर बन गई । 11 तब फिरौन ने पण्डितों और टोनहा करनेवालों को बुलवाया; और मिस्र के जादूगरों ने आकर अपने-अपने तंत्र-मंत्र से वैसा ही किया । 12 उन्होंने भी अपनी-अपनी लाठी को डाल दिया, और वे भी अजगर बन गईं । पर हारून की लाठी उनकी लाठियों को निगल गई । 13 परन्तु फ़िरौन का मन और हठीला हो गया, और यहोवा के वचन के अनुसार उसने मूसा और हारून की बातों को नहीं माना ।
इसहाक के जन्म की प्रतिज्ञा, सदोम आदि नगरों के विनाश का वर्णन
अब्राहम के परीक्षा में पड़ने का वर्णन, नाहोर के वंशज
सारा की मृत्यु और अन्तक्रिया का वर्णन
इसहाक का गरार में निवास, इसहाक और अबीमेलेक के बीच सन्धि
याकूब का मल्लयुद्ध, याकूब और एसाव का मिलन
बेतेल में याकूब को आशीष मिलना, राहेल की मृत्यु, याकूब के पुत्र, इसहाक की मृत्यु
बन्दियों के स्वप्नों का अर्थ बताना
बिन्यामीन के साथ मिस्त्र देश जाना
याकूब और उसका परिवार मिस्र में
याकूब का एप्रैम और मनश्शे को आशीर्वाद देना
मिस्र में इस्राएलियों की दुर्दशा
मूसा का जन्म, पूसा का मिद्यान देश भागना
परमेश्वर द्वारा पूसा का आह्वान ।
मूसा का अद्भुत सामर्थ्य पाना ।
फ़िरौन के सम्मुख मूसा और हारून, परमेश्वर से मूसा की शिकायत ।
मूसा का बुलाया जाना, मूसा और हारून की वंशावली ।


Post a Comment