याकूब का सारे परिवार समेत मिस्त्र को जाना (Jacob goes to Egypt with all his family)
याकूब का सारे परिवार समेत मिस्त्र को जाना:-
1 तब इस्राएल अपना सब कुछ लेकर बेर्शेबा को गया, और वहाँ अपने पिता इसहाक के परमेश्वर को बलिदान चढ़ाया । 2 तब परमेश्वर ने इस्राएल से रात को दर्शन में कहा, "हे याकूब, हे याकूब ।" उसने कहा, 'क्या आज्ञा ।'' 3 उसने कहा, "मैं परमेश्वर हूँ, तेरे पिता का परमेश्वर; तू मिस्र में जाने से मत डर, क्योंकि मैं तुझ से वहाँ एक बड़ी जाति बनाऊँगा । 4 मैं तेरे संग संग मिस्र को चलता हूँ, और मैं तुझे वहाँ से फिर निश्चय ले आऊँगा; और यूसुफ अपने हाथ से तेरी आँखों को बन्द करेगा ।" 5 तब याकूब बेर्शेबा से चला और इस्त्राएल के पुत्र अपने पिता याकूब और अपने बाल बच्चों, और स्त्रियों को उन गाड़ियों पर, जो फिरौन ने उनके ले आने को भेजी थीं, चढ़ाकर चल पड़े।
6 वे अपनी भेड़-बकरी, गाय-बैल, और कनान देश में अपने इकट्ठा किए हुए सारे धन को लेकर मिस्र में आए; 7 और याकूब अपने बेटे-बेटियों, पोते-पोतियों, अर्थात् अपने वंश भर को अपने संग मिस्र में ले आया । 8 याकूब के साथ जो इस्राएली, अर्थात् उसके बेटे, पोते आदि, मिस्र में आए, उनके नाम ये हैं: याकूब का जेठा रूबेन था, 9 और रूबेन के पुत्र हनोक, पललू, हेस्रोन और कर्मी थे । 10 शिमोन के पुत्र यमूएल, यामीन, ओहद, याकीन, सोहर, और एक कनानी स्त्री से जन्मा हुआ शाऊल भी था । 11 लेवी के पुत्र गेर्शोन, कहात, और मरारी थे । 12 यहूदा के एर, ओमान, शेला, पेरेस, और जेरह नामक पुत्र हुए तो थे पर एर और ओनान कनान देश में मर गए थे; और पेरेस के पुत्र हेस्रोन और हामूल थे । 13 इस्साकार के पुत्र तोला, पुब्बा, योब, और शिम्रोन थे । 14 जबूलून के पुत्र सेरेद, एलोन, और यहलेल के थे । 15 लिआ के पुत्र जो याकूब से पद्दनराम में उत्पन्न हुए थे, उनके बेटे पोते ये ही थे, और इनसे अधिक उसने उसके साथ एक बेटी दीना को भी जन्म दिया । यहाँ तक तो याकूब के सब वंशवाले तैंतीस प्राणी हुए । 16 फिर गाद के पुत्र सिय्योन, हाग्गी, शूनी, एसबोन, एरी, अरोदी, और अरेली थे । 17 आशेर के पुत्र यिम्ना, यिश्वा, यिस्वी, और बरीआ थे, और उनकी बहिन सेरह थी, और बरीआ के पुत्र हेबेर और मल्कीएल थे । 18 जिल्पा, जिसे लाबान ने अपनी बेटी लिआ को दिया था, उसके बेटे पोते आदि ये ही थे; और उसके द्वारा याकूब के सोलह प्राणी उत्पन्न हुए । 19 फिर याकूब की पत्नी राहेल के पुत्र यूसुफ और बिन्यामीन थे । 20 और मिस्र देश में ओन के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से यूसुफ के ये पुत्र उत्पन्न हुए, अर्थात् मनश्शे और एप्रैम । 21 और बिन्यामीन के पुत्र बेला, बेकेर, अश्बेल, गेरा, नामान, एही, रोश, मुप्पीम, हुप्पीम, और आर्द थे । 22 राहेल के पुत्र जो याकूब से उत्पन्न हुए उनके ये ही पुत्र थे; उसके ये सब बेटे-पोते चौदह प्राणी हुए । 23 फिर दान का पुत्र हूशीम था। 24 नप्ताली के पुत्र यहसेल, गूनी, सेसेर, और शिल्लेम थे । 25 बिल्हा, जिसे लाबान ने अपनी बेटी राहेल को दिया, उसके बेटे पोते ये ही हैं; उसके द्वारा याकूब के वंश में सात प्राणी हुए । 26 याकूब के निज वंश के जो प्राणी मिस्र में आए, वे उसकी बहुओं को छोड़ सब मिलकर -छियासठ-प्राणी हुए । 27 और यूसुफ के पुत्र, जो मिस्र में उससे उत्पन्न हुए, वे दो प्राणी थे; इस वे प्रकार याकूब के घराने के जो प्राणी मिस्र में आए वे सब मिलकर सत्तर हुए ।
इसहाक के जन्म की प्रतिज्ञा, सदोम आदि नगरों के विनाश का वर्णन
अब्राहम के परीक्षा में पड़ने का वर्णन, नाहोर के वंशज
सारा की मृत्यु और अन्तक्रिया का वर्णन
इसहाक का गरार में निवास, इसहाक और अबीमेलेक के बीच सन्धि
याकूब का मल्लयुद्ध, याकूब और एसाव का मिलन
बेतेल में याकूब को आशीष मिलना, राहेल की मृत्यु, याकूब के पुत्र, इसहाक की मृत्यु
बन्दियों के स्वप्नों का अर्थ बताना
बिन्यामीन के साथ मिस्त्र देश जाना
याकूब और उसका परिवार मिस्र में


Post a Comment