नूह की वंशावली, मनुष्य की भाषा में गड़बड़ी पड़ने का वर्णन (Noah's genealogy, description of a disturbance in the language of man) - YISHU KA SANDESH

नूह की वंशावली, मनुष्य की भाषा में गड़बड़ी पड़ने का वर्णन (Noah's genealogy, description of a disturbance in the language of man)

नूह की वंशावली (1 इति 1:5-23):-

                             1 नूह के पुत्र शेम, हाम, और येपेत थे; उनके पुत्र जल प्रलय के पश्चात् उत्पन्न हुए उनकी वंशावली यह है ।

2 येपेत के पुत्र : गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक, और तीरास हुए । 3 गोमेर के पुत्र: अशकनज, रीपत, और तोगर्मा हुए । 4 और यावान के वंश में एलीशा, और तर्शीश, और कित्ती, और दोदानी लोग हुए । 5 इनके वंश अन्यजातियों के द्वीपों के देशों में ऐसे बँट गए कि वे भिन्न भिन्न भाषाओं, कुलों और जातियों के अनुसार अलग अलग हो गए । 6 हाम के पुत्र : कूश, मिस्र, फूत और कनान हुए । 7 और कूश के पुत्र सबा, हवीला, सबता, रामा, और सबूतका हुए । और रामा के पुत्र शबा, और ददान हुए। 8 कूश के वंश में निम्रोद भी हुआ; पृथ्वी पर पहला वीर वही हुआ है । 9 वह यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ठहरा, इस से यह कहावत चली है; "निम्रोद के समान यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ।” 10 उसके राज्य का आरम्भ शिनार देश में बेबीलोन, एरेख, अक्कद और कलने से हुआ । 11 उस देश से वह निकलकर अश्शूर को गया, और नीनवे, रहोबोतीर और कालह को, 12 और नीनवे और कालह के बीच जो रेसेन है, उसे भी बसाया, बड़ा यही है । 13 मिस्र के वंश में लूदी, अनामी, लहाबी, नतूही, 14 और पत्रूसी, कसलूही और कप्तोरी लोग हुए, कसलूहियों में से तो पलिश्ती लोग निकले । 15 कनान के वंश में उसका ज्येष्ठ पुत्र सीदोन, तब हित्त, 16 यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी, 17 हिव्वी, अर्को, सीनी, 18 अर्वदी, समारी, और हमाती लोग भी हुए; फिर कनानियों के कुल भी फैल गए 19 और कनानियों की सीमा सीदोन से लेकर गरार के मार्ग से होकर अज्जा तक और फिर सदोम और अमोरा और अदमा और सबोयीम के मार्ग से होकर लाशा तक हुआ । 20 हाम के वंश में ये ही हुए, और ये भिन्न भिन्न कुलों, भाषाओं, देशों और जातियों के अनुसार अलग अलग हो गए । 21 शेम, जो सब एबेरवंशियों का मूलपुरुष हुआ, और जो येपेत का ज्येष्ठ भाई था, उसके भी पुत्र उत्पन्न हुए । 22 शेम के पुत्र : एलाम, अश्शूर, अर्पक्षद, लूद और आराम हुए। 23 आराम के पुत्र: ऊस, हूल, गेतेर और मश हुए। 24 और अर्पक्षद ने शेलह को, और शेलह ने एबेर को जन्म दिया । 25 और एबेर के दो पुत्र उत्पन्न हुए, एक का नाम पेलेग इस कारण रखा गया कि उसके दिनों में पृथ्वी बँट गई, और उसके भाई का नाम योक्तान था । 26 और योक्तान ने अल्मोदाद, शेलेप, हसर्मावेत, येरह, 27 यदोरवाम, ऊजाल, दिक्ला, 28 ओबाल, अबीमाएल, शबा, 29 ओपीर, हवीला और योबाब को जन्म दिया: ये ही सब योक्तान के पुत्र हुए । 30 इनके रहने का स्थान मेशा से लेकर सपारा, जो पूर्व में एक पहाड़ है, उसके मार्ग तक हुआ । 31 शेम के पुत्र ये ही हुए; और ये भिन्न भिन्न कुलों, भाषाओं, देशों और जातियों के अनुसार अलग अलग हो गए । 32 नूह के पुत्रों के घराने ये ही हैं : और उनकी जातियों के अनुसार उनकी वंशावलियाँ ये ही हैं; और जल प्रलय के पश्चात् पृथ्वी भर की जातियाँ इन्हीं में से होकर बँट गई ।


मनुष्य की भाषा में गड़बड़ी पड़ने का वर्णन :-

                         सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा और एक ही बोली थी । 2 उस समय लोग पूर्व की ओर चलते चलते शिनार देश में एक मैदान पाकर उसमें बस गए । 3 तब वे आपस में कहने लगे, "आओ, हम ईटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएँ ।” और उन्होंने पत्थर के स्थान पर ईंट से, और चूने के स्थान पर मिट्टी के गारे से काम लिया । 4 फिर उन्होंने कहा, “आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें, ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े ।” 5 जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे, तब उन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया । 6 और यहोवा ने कहा, "मैं क्या देखता हूँ कि सब एक ही दल के हैं, और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जो कुछ वे करने का यत्न करेंगे, उसमें से कुछ भी उनके लिये अनहोना न होगा । 7 इसलिये आओ, हम उतर के उनकी भाषा में गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें ।' 8 इस प्रकार यहोवा ने उनको वहाँ से सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया; और उन्होंने उस नगर को बनाना छोड़ दिया । 9 इस कारण उस नगर का नाम बेबीलोन पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, वह यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया ।

|| जय मसीह की । || कविता पोरिया   ||

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