रोता हुआ कुत्ता । - YISHU KA SANDESH

रोता हुआ कुत्ता ।

रोता हुआ कुत्ता:-

एक युवक अपने नए घर में शिफ्ट हुआ । नया घर और वहाँ का वातावरण उसे बहुत पसंद आया । लेकिन एक बात थी, जो उसे थोड़ी खटक रही थी । जब से वह आया था, तब से किसी कुत्ते के रोने की आवाज़ उसे लगातार परेशान कर रही थी । काफ़ी देर वह यही सोचता रहा कि थोड़ी देर में यह आवाज़ बंद हो जायेगी।। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बल्कि कुत्ते के रोने की आवाज़ दिन भर आती रही ।


अगले दिन भी जब कुत्ते की रोने की आवाज़ बंद नहीं हुई, तब युवक ने न रहा गया । वह घर से बाहर निकला । कुत्ते के रोने की आवाज़ उसके पड़ोस के एक घर से आ रही थी । वह उस घर में पहुँचा ।

वहाँ उसने देखा कि एक व्यक्ति बरामदे में बैठा अखबार पढ़ रहा है और पास ही लकड़ी की एक पाटिया पर बैठा कुत्ता रो रहा था।। यह नज़ारा देख युवक कुछ हैरान हुआ । वह उस व्यक्ति के पास पहुँचा और अपना परिचय देने के बाद बोला, “महाशय, आपका कुत्ता कल से बहुत रो रहा है ।”


“हाँ, ये तो मैं भी ये देख रहा हूँ ।” उस व्यक्ति ने उत्तर दिया ।

“तो फिर आपने यह जानने की कोशिश नहीं की कि इसे क्या परेशानी है । परेशानी जानकार इसकी मदद की जा सकती है ।”

“अरे..कुछ नहीं, ये एक कील के ऊपर बैठा हुआ है. वो कील इसके पेट में चुभ रही है । इसलिए ये रो रहा है ।” व्यक्ति ने बड़ी ही शांति से उत्तर दिया ।

उत्तर सुन युवक हैरत में पड़ गया और बोला, ““यदि ऐसा है, तो ये इस जगह से उठ क्यों नहीं जाता?”

“क्योंकि इसे अभी बहुत ज्यादा दर्द नहीं हो रहा है । जब दर्द इसकी सहनशक्ति से बाहर हो जायेगा, तो ये ख़ुद-ब-ख़ुद यहाँ से उठ जायेगा ।"

सीख:-

उस कुत्ते की तरह हम सब अपने जीवन में चुभती कीलों पर बैठे हुए होते है । हममें से कुछ जॉब की चुभती कीलों पर बैठे हैं । हम अपने Nature of Job से संतुष्ट नहीं होते, बॉस के व्यवहार और काम के वातावरण से खुश नहीं होते । जो वेतन हमें मिल रहा होता हैं । वह हमें अपनी मेहनत के मुकाबले बहुत कम लगती है । उस जॉब में विकाश और उन्नति के अवसर बहुत कम नज़र आते हैं । इस कारण हम आये दिन जॉब को लेकर शिकायतें करते रहते है । लेकिन इतनी शिकायतों के बाद भी वह जॉब करते चले जाते हैं ।

कुछ रिश्तों की चुभती कीलों पर बैठे हुए है । कई अपमानजनक  रिश्तों में फंसे हुए हैं । किसी रिश्ते में प्यार और सम्मान नहीं है । कई रिश्तों में आ रही दूरी से परेशान हैं, तो कई अपने पार्टनर्स के धोखे से दु:खी हैं । लेकिन सब कुछ जानते हुए भी सब कुछ सह रहे हैं ।

कुछ आर्थिक परेशानियों की चुभती कीलों पर बैठे हुए है । खर्च बढ़ते जा रहे हैं, पर उसके अनुपात में आय नहीं बढ़ रही । जिम्मेदारियाँ बढ़ती जा रही है, लेकिन उन्हें निभाने के साधन सीमित हैं। घर, गाड़ी, बच्चों की पढ़ाई, शादी जैसे कई खर्च सामने नज़र आते हैं और अपने हाथ बंधे से महसूस होते है ।

इन सबके अलावा भी कई कीलें हैं, जो हमें चुभती रहती है । जैसे स्वास्थ्य, परिवार, दोस्ती, बुरी आदतें जैसी कई कीलें, हर किसी के जीवन में इस तरह की कुछ कीलें हैं, जो अपनी चुभन से परेशान करती रहती हैं । कुछ को छोटी कीलें चुभ रही हैं, तो कुछ को बड़ी, कुछ को एक कील चुभ रही है, तो कुछ को एक साथ कई कीलों की चुभन सहनी पड़ रही है ।

लेकिन हम उस चुभती कीलों से छुटकारा पाना के लिए कुछ नहीं करते, क्योंकि हमें लगता है कि अभी इनकी चुभन या दर्द इतना ज्यादा नहीं है । हम उस चुभन को तब तक सहते चले जाते हैं, जब तक वह असहनीय नहीं हो जाता । ऐसी कीलों की चुभन से छुटकारा पाने का उपाय तुरंत करना चाहिए, क्योंकि देर करने से समस्या बढ़ती है । हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहने से कोई भी समस्या हल नहीं होती । इसलिए जीवन के किसी भी क्षेत्र में समस्या सामने आये, तो उसके निदान हेतु तुरंत प्रयास करें । ऐसा न हो कि बाद में बहुत देर हो जाये ।

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